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ओ येशु मसीहा तेरी मुहब्बत में। संस्कृतीचीखाण पंक्तियां हरिओम सुल्तानपुरी राखी की डोर खींचता लम्हा तेरी मुस्कान mushkrahat आज भी इंसानियत जिंदा हैं बहना रात भैया ढल जायेगी दर्द ना रहा कर नफरत-ग़म मिटें आवाज तेरी उदासी जीवन और गुरूर

Hindi तेरी डोर Quotes